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एक दिन मन में ,
अचानक ही ये ख्याल आया ,
Chowmein खाने के लिए,
अनायास ही मन ललचाया!
फिर उसके बाद ,
अपने दोस्त से मैंने कहा ,
चलो चलकर कहीं Chowmein खाए ,
दोस्त मेरा बोला,
मुझे डर है,
कहीं हम... rapist ना बन जाए.
सुनकर बड़ा अचम्भा हुआ !
उसकी ये बात,
मैंने कहाँ , क्या हुआ तुम्हे,
क्यों करते हो ऐसे बात ?
जवाब आया उसका, और कहा,
मेरे इस देश में
खाप की एक ऐसी भी दुनिया बसती है,
जिसके कहने पर ,
ना जाने कितनी दुनियाएं
उजडती है !
और अब ना जाने ,
क्यूँ इन्होने ऐसा फ़रमाया है,
Rape का ज़िम्मेदार,
अब इन्होने, Chowmin खाने वालो को बतलाया है !
इसलिए कहता हूँ ,
ना खाओ इस Chowmin को ,
कहीं हमसे भी कुछ गड़बड़ ना हो जाये
खाते हुए Chowmein हमें,
कहीं पुलिस पकड़ ना ले जाए,
अगर ऐसा होगा,
तो हम कहीं के नहीं रह जायेंगे ,
बेफालतू और बेफिजूल में ,
हम भी बलात्कारी कहलायेंगे...
~मिथिलेश झा ~