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Thursday, August 23, 2012

Monsoon Story...









After observing,

condition of earth,

God felt sad…

Because trees on earth were dirty,

and thirsty.

They haven’t taken bath for long,

Scorching sun... made them pale.

Then god called  Rain,

To demand an explanation,

on deteriorating condition of earth,

Rain made an excuse

She said, “I was ready

but I didn’t  get  signal

To go ahead”.

God said to rain 

“Now you are mature 

And can feel the pain- of earth,

No need to wait for a signal

And don’t play this blame game”

I  am reserving a special season for you

Where only you will play your game

You can start your season from the month
Of June,

People will lovingly call you,

Here comes monsoon!

            ~Mithlash Jha~

Image courtesy: Google.

Tuesday, August 21, 2012

                                      Darkness of my heart is pleading for light,
                                      I know, the candle is  inside me, but I fear to give it light.


                                                                                    ~Mithlash Jha~

                      
                                               

Tuesday, August 14, 2012

आजादी की शुभकामनाये !





भारत की आजादी का 65वा वर्ष यानी हमारी आजादी को  पचास वर्ष से ऊपर हो चुके है ! इन पूरे पेंसठ   सालो में हमने  कोई कसर नहीं छोड़ी अपने भारत को फिर से  सोने की चिड़िया नाम देने में ! आज हमारी सोच में बदलाव है , परिवक्वता है और वो सारी खूबियाँ मौजूद है जोकि आसमान की ऊंचाई छूने के लिए होनी चाहिए , और शायद यही सपना हमारे उन स्वतंत्रता सेनानियो का भी होगा जिन्होंने अपनी देश की आजादी के लिए हँसते-हँसते  अपने प्राणों की आहुति दे दी ! इन सब के बीच हमारे देश को आजादी  तो  मिली, मगर शायद हम अपने ही  दिल को आजादी नहीं दिला पाए और आज, हमने अपने दिल को  इतना प्रदूषित कर लिया है की प्रेम शब्द अर्थहीन होता जा रहा है ! आज अगर हमारे दिल में कुछ है तो वो है घृणा, अहंकार , इर्ष्या और ना जाने क्या क्या और कोई चाह कर भी इस मलिन दिल को खूबसूरत बनाने में असफल रहता है  और अगर कोई  इसको ख़ूबसूरत बनाने की कोशिश करता है तो शायद हम अनायास ही उसपर हँसते है ! ये हमारे आधुनिक भारत की विडंबना है की , आधुनिक भारत कहलाने के बाद भी आज दुनिया हम पर हस्ती है चाहे वो किस्सा भ्रसटाचार का हो या काला धन वापिस लाने का या वो तस्वीर जिसमे महिला की अस्मत से खेलते वो हैवान नज़र आते है !

लेकिन इन सब के बावजूद इस भारत देश में आशा की किरण अभी भी बाकी है और वो बाकी तब तक रहेगी जब तक समाज में होने वाली हर बुराई का हमारी नयी पीढ़ी विरोध करती रहेगी और हर उम्दा कोशिश करेगी की हमारे भारत को एक नयी पहचान मिले और ये कोशिश तभी सफल होगी जब हममे से हर हर एक शख्स एक दुसरे की लिए अपने ह्रदय प्रेम का भाव रखेगा और ये तभी संभव होगा जब हम अपने दिल को आजादी दिलाने के बारे में सोचेंगे !
मन में इसी आशा के साथ सबको आजादी की शुभकामनाये !
जय हिंद !
~मिथिलेश-

Monday, August 13, 2012

Happy Independence Day!!




ना जाने  कितने  लोगो  ने ,

भारत  की  आजादी  को  अंजाम  दिया ,

कुछ  ने  अपना  खून  बहाकर,

कुछ  ने  अपने  शीश कटाकर,

घुटन  से  भर  चुकी,

जिंदगी  को,  

उड़ने  का  अरमान  दिया!

ना  जाने  कितने  लोगो  ने ,

भारत  की  आजादी  को  अंजाम  दिया …

तिरंगे  का  सर  ऊँचा  करने  वाले,

इतिहास  की  चादर  ओढ़  चुके  है ,

बेवक्त अलविदा  कहने  वालो  ने ,

बड़ा ही  ख़ूबसूरत  ये  काम  किया!

ना  जाने  कितने  लोगो  ने , भारत  की

आजादी  को  अंजाम  दिया ....
          ~मिथिलेश~
P.S: Image courtesy: Google
 

Faith...







सीधी  सी  लगने  वाली  ज़िन्दगी ,

ना जाने,  क्यूँ  अपना  रुख;  

हर  वक़्त  बदलती  है !

हर  तरफ   उड़ने  वाली  हवा ,

पता  नहीं,  क्यूँ  नहीं   आँखों से नहीं दिखती है !

ना  जाने  आयी  कितनी  ही  आँधियाँ,

और  न  जाने,  क्या - क्या  मेरा  ले  गयी...

इतना  कुछ  होने  के  बाद  भी , 

ए-खुदा...

हर  हालात  में, 

ना जाने क्यूँ ,

मेरी  रूह,  तुझपे  ही  ऐतबार  करती  है...

Image courtesy: Google
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