भारत की आजादी का 65वा वर्ष यानी हमारी आजादी को पचास वर्ष से ऊपर हो चुके है ! इन पूरे पेंसठ सालो में हमने कोई कसर नहीं छोड़ी अपने भारत को फिर से सोने की चिड़िया नाम देने में ! आज हमारी सोच में बदलाव है , परिवक्वता है और वो सारी खूबियाँ मौजूद है जोकि आसमान की ऊंचाई छूने के लिए होनी चाहिए , और शायद यही सपना हमारे उन स्वतंत्रता सेनानियो का भी होगा जिन्होंने अपनी देश की आजादी के लिए हँसते-हँसते अपने प्राणों की आहुति दे दी ! इन सब के बीच हमारे देश को आजादी तो मिली, मगर शायद हम अपने ही दिल को आजादी नहीं दिला पाए और आज, हमने अपने दिल को इतना प्रदूषित कर लिया है की प्रेम शब्द अर्थहीन होता जा रहा है ! आज अगर हमारे दिल में कुछ है तो वो है घृणा, अहंकार , इर्ष्या और ना जाने क्या क्या और कोई चाह कर भी इस मलिन दिल को खूबसूरत बनाने में असफल रहता है और अगर कोई इसको ख़ूबसूरत बनाने की कोशिश करता है तो शायद हम अनायास ही उसपर हँसते है ! ये हमारे आधुनिक भारत की विडंबना है की , आधुनिक भारत कहलाने के बाद भी आज दुनिया हम पर हस्ती है चाहे वो किस्सा भ्रसटाचार का हो या काला धन वापिस लाने का या वो तस्वीर जिसमे महिला की अस्मत से खेलते वो हैवान नज़र आते है !
लेकिन इन सब के बावजूद इस भारत देश में आशा की किरण अभी भी बाकी है और वो बाकी तब तक रहेगी जब तक समाज में होने वाली हर बुराई का हमारी नयी पीढ़ी विरोध करती रहेगी और हर उम्दा कोशिश करेगी की हमारे भारत को एक नयी पहचान मिले और ये कोशिश तभी सफल होगी जब हममे से हर हर एक शख्स एक दुसरे की लिए अपने ह्रदय प्रेम का भाव रखेगा और ये तभी संभव होगा जब हम अपने दिल को आजादी दिलाने के बारे में सोचेंगे !
मन में इसी आशा के साथ सबको आजादी की शुभकामनाये !
जय हिंद !
~मिथिलेश-
Mithlash, apko bhi aazadi ki bahut bahut shubkamnayein.
ReplyDeleteIs baar kavita nahi, bahut hi khoobsurat lhek likha hain apne.
'Dil ko azaadi nahi de paye', yeh sabse khoobsurat line hain.
Anth bhi bahut acha hain. Aasha hain aur rehni chahiye.
Thank You so much Jenny:)
ReplyDelete