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Wednesday, June 27, 2012

लम्हा ...

ना तो  वो  लम्हा  रहा ,

मेरे  साथ ,

और ना  ही  वो  ज़ज्बात ,

एक  ही  चीज़  जो  नहीं  गयी  रूह   से ,

कितनी  बेदर्द होती  है  ये  याद !

कोशिश  तो  बहुत   की,

हमने  उन्हें  भूल  जाने  की ,

तुम  साथ  नहीं  हो,

मेरी  रूह  को  नहीं  है  ऐतबार !

शायद  पाकर   खोना  उन्हें ,

ये  मेरा  नसीब  था ,

हाथो  पे   लिखना  नाम ,

वो  दिन  भी ,

कितना  अजीब  था !

मालूम  न  था ,

कागज़  की  कश्ती की  तरह ,

ये  प्यार भी  पानी  की  आगोश  में  समां  जायेगा ,

और  मेरी  आँखों  में ,

सिर्फ  आंसुओ  का  दरिया  छोड़  जायेगा ….

Wednesday, June 20, 2012

मोहब्बत होने लगी है …






                                       
अनसुलझी   गुत्थी  जीवन  की ,

अब  शायद  सुलझने  लगी  है ,

इतनी  लम्बी  रात  के  बाद,

सुबह  की  किरणे   अब  दिखने   लगी  है !

दीखते  थे  राहों  में  कांटे  जहाँ  पर ,

अब  फूलो  की  खुशबू मेहेकने लगी  है,

बंज़र  थी  धरती  ना जाने  कबसे,

अब  बारिश  की  बूंदे  उस  पर  बरसने  लगी  है !

एक  झलक  देखी आज  किसी  की  ऐसे 

और  कुछ  पलो के  लिए    लगा,

शायद, हमें  भी  मोहब्बत  होने  लगी  है …

                  ~मिथिलेश~

Friday, June 8, 2012

चाँद नज़र आता है ...

शाम  ढलने  पर ,
अँधेरा  तो  आता  है ,
लेकिन  उस  अँधेरे  को  चीरकर,
एक  चाँद  नज़र  आता  है !
कभी  आधा, कभी  अधुरा ,
आरजू  भी  जोरो  से  लहरो  की  तरह ,
उठती  है ,
जब  ये  नज़र  आता  है  पूरा !.
        
तुम्हे  देखकर  अक्सर ,
में  सोचता  हूँ ,
तुम  भी  हो शायद,... मेरे  मन  की  तरह ,
हर  घडी , हर  वक़्त, 
ये  बदलता  रहता  है ,
हर  वक़्त एक  नयी  खोज  में  ये  रहता  है !
तुम्हारा क्या, तुम  तौ  ठीक  हो  , क्यूंकि  सितारे  भी  तुम्हारे  साथ 
लेकिन  मेरे  इस  मन  का  क्या ,
जो  रहता  है  हरपल उदास …

                 ~मिथिलेश~

 

Friday, June 1, 2012

उफ़ ये गर्मी ...

गरम  हवा ,
तपती  धरती,
जैसे  आग  के  शोलो  पे ,
जल  रहा  हो  बदन!
वो  ख़ूबसूरत  चेहरे ,
तुम्हारी  ही  वजह  से 
ढक  लेते  है ,
अपना  तन  बदन !
क्यूँ , क्या  हुआ  तुमको  ऐ सूरज ,
किसने  तुम्हे  धोका  दिया,
तुम्हारे  इस  गुस्से  ने,
सबको  यहाँ  झुलसा  दिया !
चलो  अब  तौ,
मान  भी   जाओ ,
ज्यादा  न  यूँ ,
नखरे  दिखाओ,
इस  तपती  धरती  को,
थोडा  प्यार  दिखाओ !
इस  तपती  धरती  पर,
थोडा  जल   बरसाओ ...
    ~मिथिलेश~

A short love story...








My eyes got life,
when they met your eyes.
Though you were stranger,
but you were looking so nice!
Cool breeze…
Lifting your hair in the air,
like inviting  my eyes,
to stare.
you arouse the curiosity,
of my heart,
When your eyes met
with mine.
After a long time
I experienced  something
like this,
I don’t know,
Who was that girl,
But  my heart  will certainly miss…

                ~Mithlash~


                                





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